<p>मधुर भंडारकर एक बार फिर महिला प्रधान फिल्म लेकर आए हैं. इस बार फीमेल बाउंसर की कहानी है. कहानी ऐसे गांव की है जहां के लड़के बाउंसर बनते हैं और वहां उन्हें ट्रेन करने वाले पहलवान जी यानि सौरभ शुक्ला की बेटी है बबली यानि तमन्ना भाटिया. बबली बड़े बड़े पहलवानों को चित कर देती है. उसे लड़कियों की तरह सजना संवरना पसंद नहीं है. घरवाले बबली की शादी करवाना चाहते हैं लेकिन बबली शादी नहीं करना चाहती लेकिन फिर कुछ ऐसा होता है कि बबली बाउंसर बनना चाहती है और बाउंसर बन जाती है. फिर बबली की जिंदगी में जो कुछ होता है वही कहानी है बबली बाउंसर की.</p>