उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त निदेशक तबस्सुम खान को सस्पेंड कर दिया है. उन्होंने प्रदेश के सभी सीएचसी, पीएचसी और डॉक्टर्स के नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखने का आदेश जारी किया था.
सरकारी अस्पतालों और अधिकारियों को हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखने का आदेश जारी करने वाली स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक डा. तबस्सुम खान को निलंबित कर दिया गया है. डा. तबस्सुम ने यह आदेश करीब 7 दिन पहले जारी किया था.
उन्नाव के व्यक्ति की शिकायत पर दिया था आदेश
डॉ. तबस्सुम ने उन्नाव के रहने वाले मोहम्मद हारून की शिकायत पर उर्दू भाषा को लेकर आदेश जारी किया था. हारून ने अपनी शिकायत में मांग की थी कि जब साल 1989 में उर्दू को उत्तर प्रदेश की द्वितीय राजभाषा का दर्जा दिया जा चुका है तो फिर अस्पतालों और अधिकारियों के नाम हिंदी और उर्दू में क्यों नहीं लिखे जा रहे हैं.
शिकायत के बाद जारी किए थे आदेश
शिकायत में हारून ने कहा था कि द्वितीय राजभाषा का उर्दू को दर्जा देने के साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों और अधिकारी व कर्मचारियों के नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में लिखे जाने के स्पष्ट आदेश हैं. इसी शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक डॉ. तबस्सुम खान ने आदेश जारी किया था कि सभी सरकारी अस्पतालों (जिनमें सीएचसी और पीएचसी शामिल हैं) के साथ डॉक्टर्स के नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखे जाएं.