Tuesday, December 12, 2023
HomeTop Storiesक्या इस बार भी 5 अगस्त को मोदी सरकार उठाएगी बड़ा कदम?...

क्या इस बार भी 5 अगस्त को मोदी सरकार उठाएगी बड़ा कदम? UCC को लेकर हैं अटकलें— News Online (www.googlecrack.com)

Uniform Civil Code News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की ओर से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की वकालत करने के बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है. इसी बीच कहा जा रहा है केंद्र सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बिल ला सकती है. संसद की एक स्थायी समिति ने यूसीसी पर लोगों की राय लेने के लिए लॉ कमीशन की ओर से हाल में जारी नोटिस पर तीन जुलाई को लॉ कमीशन और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई है. 

इन सबके बीच जिस बात की ज्यादा चर्चा है वो है 5 अगस्त का दिन. सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार 5 अगस्त को संसद में यूसीसी पर बिल पेश कर सकती है. मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का बिल भी 5 अगस्त को लाई थी. साथ ही पीएम मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन भी 5 अगस्त को ही किया था. केंद्र सरकार के 5 अगस्त की तारीख से जुड़े इतिहास को देखें तो इस बात की संभावना और बढ़ जाती है. 

5 अगस्त को लेकर देश में बढ़ी हलचल

जम्मू-कश्मीर से जब अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया चल रही थी तो किसी को इसकी कानों कान भनक तक नहीं लगी और फिर 5 अगस्त 2019 को सरकार ने इसे लेकर बिल पेश कर दिया था. एक बार फिर कमोबेश देश में वैसी ही हलचल है. फिर से वैसी ही बड़ी तैयारी है. वैसी ही कयासों और दावों का दौर चल रहा है. देश के शीर्ष नेता लोगों के मन और मिजाज को टटोलने में लगे हैं. 

“अगस्त में कुछ बड़ा होने वाला है”

बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने कहा कि अगस्त हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है और उम्मीद की जा सकती है कि इस बार अगस्त में कुछ बड़ा होने वाला है. बीजेपी नेता के बयान के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या अगस्त में सरकार कोई बड़ा फैसला लेने वाली है और देश के कानून में कोई बड़ा बदलाव होने वाला है. क्या बीजेपी अपने तीसरे कोर मुद्दे को अमल में लाने वाली है. दरअसल बीजेपी के घोषणापत्र में तीन अहम मुद्दे रहे हैं, पहला राम मंदिर, दूसरा कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा और तीसरा एक देश-एक कानून यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना. 

बीजेपी का तीसरा कोर मुद्दा है यूसीसी

कश्मीर से धारा 370 हट चुकी है, राम मंदिर बन रहा है. अब कॉमन सिविल कोड की बारी है. इसपर लगातार चर्चा हो रही है. राष्ट्रीय विधि आयोग ने इसको लेकर देश से राय मांगी है. तो आगे का सवाल यहीं से उठ रहा है कि क्या 5 अगस्त को यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बड़ा फैसला होने वाला है? क्या 5 अगस्त को देश में यूसीसी लागू कर दिया जाएगा, क्योंकि 5 अगस्त के आसपास इस बार भी संसद का सत्र चल रहा होगा, लेकिन सवाल है कि 5 अगस्त की तारीख ही क्यों? इसका जवाब है राम मंदिर के शिलान्यास वाली तस्वीर जो तीन साल पुरानी है. 

क्यों खास है 5 अगस्त?

5 अगस्त 2020 की तारीख थी. देश कोराना के कहर से उबर नहीं पाया था, लेकिन अयोध्या में वो हुआ, जिसकी प्रतीक्षा सदियों से की जा रही थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचे. उन्होंने रामलला को दंडवत प्रणाम किया और फिर राम मंदिर की नींव की ईंट रखी. राम जन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला आने के 9वें महीने में 5 अगस्त 2020 को बीजेपी के वादों पर पूर्णता की शुरुआत हो गई. 

कपिल मिश्रा के ट्वीट से अटकलें हुई तेज

अब जब भव्य राम मंदिर का द्वार भक्तों के लिए खुलने वाला है, आम चुनाव की आहट सुनाई पड़ने लगी है. तब अचानक ही यूनिफॉर्म सिविल कोड पर चर्चा शुरू हो गई है. यूसीसी को लेकर राष्ट्रीय स्तर की बहस के बीच बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि 5 अगस्त को हुआ राम मंदिर का निर्णय, 5 अगस्त को हटी धारा 370, फिर 5 अगस्त आने वाला है और यूनिफार्म सिविल कोड भी. 

कपिल मिश्रा के संकेतों को अगर समझें तो 5 अगस्त को यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर मोदी सरकार बड़ा फैसला कर सकती है. कपिल मिश्रा ही नहीं, गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बिहार बीजेपी के बड़े नेता सुशील मोदी ने कहा कि हम लोगों ने लॉ कमीशन, भारत सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाया है. लॉ कमीशन ने एक विमर्श पत्र रिलीज किया है. उस विमर्श पत्र में क्या चीज है? लॉ कमीशन का यूनिफॉर्म सिविल कोड पर क्या कहना है? यह सब वह बताएंगे, कमेटी के सदस्यों के सवालों का वह जवाब देंगे. 

संसदीय समिति की बैठक में होगी चर्चा

बिहार के उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी के इस बयान के बीच यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर तैयारी को समझिए. कानून और न्याय की संसदीय समिति ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर 3 जुलाई को बैठक बुलाई है. संसदीय समिति की बैठक की अध्यक्षता सुशील मोदी ही करेंगे. मीटिंग में विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को बुलाया है. 14 जून को विधि आयोग ने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सुझाव मांगे थे, उसी पर चर्चा होनी है.

हालांकि मीटिंग को लेकर सुशील मोदी अब खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी लोग अपनी अपनी बात कहेंगे. कमेटी की बैठक कॉन्फिडेंशियल होती है इसलिए मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा. सुशील मोदी भले ही खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं मगर 5 अगस्त से पहले की ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. क्योंकि 14 जून को 22वें विधि आयोग ने अचानक ही यूसीसी को लेकर देश की राय मांगी थी. 

21वें विधि आयोग ने यूसीसी को किया था खारिज

नेशनल लॉ कमीशन की ये रायशुमारी भी चौंकाने वाली थी. क्योंकि 21वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता को खारिज कर दिया था. तब आयोग ने कहा था कि देश में इस समय यूसीसी न तो आवश्यक है और न ही वांछनीय है, लेकिन चुनावी आहट के बीच जैसे ही विधि आयोग यूसीसी पर आगे बढ़ा, बयानों का बवंडर शुरू हो गया. दावा, आशंका, डर से लेकर इससे होने वाले फायदों की व्याख्या के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकेतों में बड़ी बात कह दी थी. 

पीएम मोदी ने क्या कहा था?

पीएम मोदी ने कहा था कि मान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है. देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है. सुप्रीम कोर्ट ने बार-बार कहा है कि समान नागरिक संहिता लाओ, लेकिन ये वोट बैंक के भूखे लोग हैं. ये पहली दफा था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुलकर यूसीसी को लेकर कुछ कहा. वो भी तब जब इस पर राष्ट्रीय बहस चल रही थी. 27 जून को पीएम मोदी ने एक देश-एक कानून को लेकर जैसे ही ये बयान दिया, वैसे ही हलचल तेज हो गई.

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की ये मांग

उसी दिन यानी 27 जून की शाम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. इस बैठक के दौरान लॉ सेक्रेटरी भी वहां मौजूद थे. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी 27 जून को बैठक बुलाई थी. 28 जून को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जनता से मांगी गई राय की अवधि 6 महीने बढ़ाने की मांग की. देश के तमाम मजहबी, गैर-मजहबी संगठनों ने समान नागरिक संहिता को लेकर बयान देना शुरू किया और बीजेपी के नेताओं ने 5 अगस्त की तारीख लिखकर बड़ा संकेत दे दिया है.

अब जब फिर 5 अगस्त आने वाला है, इस बार बीजेपी के तीसरे कोर मुद्दे यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है. 2024 के लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार के पास अपना तीसरा कोर मुद्दा पूरा करने का मौका है. तो ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 2023 के 5 अगस्त को फिर क्रांतिकारी फैसला होगा. 

ये भी पढ़ें- 

Solicitor General: सॉलिसिटर जनरल के पद पर बने रहेंगे तुषार मेहता, केंद्र सरकार ने बढ़ाया कार्यकाल

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments