Israel Palestine Attack: इजरायल-हमास युद्ध के बीच गाजा के अल-शिफा अस्पताल में पर्याप्त इलाज नहीं मिले पाने से बच्चे सहित सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अंदर अस्पताल के प्रांगण में 170 शवों का दफनाने के लिए सामूहिक कब्र तैयार किया जा रहा है. वहीं 30 शवों के कब्र में दफनाया जा चुका है.
शव को दफनाना जोखिम भरा काम
रिपोर्ट के मुताबिक वहां शवों को दफनाना भी जोखिम भरा काम है क्योंकि अस्पताल के चारों ओर टैंक मौजूद है. यहां तक कि एक बिल्डिंग से दूसरे बिल्डिंग में जाना भी खतरनाक है.
एक दिन पहले तक टैंक अस्पताल के तीन तरफ थे, जबकि बीते रात से अस्पताल के चारों को टैंक की तैनाती है. अस्पताल इजरायल के अधिकारियों से डायरेक्ट बात भी नहीं कर पा रहा है. अस्पताल कर्मचारी चाहता है कि इसे लेकर कोई तीसरा पक्ष हस्तक्षेप करे और अस्पताल में बिजली के लिए ईंधन उपलब्ध कराए जाएं.
अस्पताल में ईंधन की भारी कमी
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार अल-शिफा अस्पताल में कई हफ्तों से बिना एनेस्थीसिया दिए युद्ध में घायल मरीजों जिसमें बच्चे भी शामिल हैं उनका सर्जरी किया जा रहा है. यहां एंटीसेप्टिक के रूप में सिरके का इस्तेमाल किया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि शनिवार (11 नवंबर) को अस्पताल में इमरजेंसी जेनरेटर का ईंधन खत्म हो गया था. इस वजह से तीन छोटे बच्चे सहित 32 मरीजों की मौत हो गई थी.
अस्पताल के आसपास बमबारी
अल शिफा अस्पताल को गाजा का लाइफलाइन माना जाता है. इजरायली सेना लगातार इस अस्पताल के आसपास बमबारी कर रही है.
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 11,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं. जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. वहीं मंत्रालय के अनुसार 2700 लोग लापता हैं. वेस्ट बैंक के तुलकेरेम शरणार्थी शिविर में मंगलवार (14 फरवरी) को इजरायली सेना के साथ झड़प में सात फिलिस्तीनी मार गए.